प्राचीन काल में कोरोना आता तो कवि कैसे दोहे रचते।
उदाहरण के लिए
*रहीमदास*
रहिमन घर से जब चलो, रखियो मास्क लगाए
ना जाने किस वेश में करोना मिल जाए
*कबीरदास*
कबीरा काढ़ा पीजिए, काली मिरिच मिलाय
रात दूध हल्दी पियो, सुबह पीजिए चाय ...
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