आज सुबह सुबह थोड़ा सा आध्यात्मिक हो गया और आंखें बंद करके सोचने लगा:
कौन हूं मैं?
कहां से आया हूं?
क्यों आया हूं?
कहां जाना है?
तभी किचन से आवाज़ करती बीवी सामने आई-
“एक नम्बर के आलसी हो तुम,
पता नहीं कौन सी दुनिया से आये हो,
मेरा वक्त ...
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