जिंदगी की जद्दोजहद, अपने हिस्से का आसमां तलाशती हूं, मायूस-सी मेरी सूरत, सांवरे की वो भीगी पलकें संवारती हूं ।मेरे मुकाम के लिए जो फना हो जाए,वो मुकद्दर तलाशती हूं, घटाओं- सी घनेरी इन जुल्फों की फिर बिजलियां संवारती हूं ।वो सुहानी शाम, सुरमयी, ...
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