जब भगवान सारी सब्जियों को उनके गुण और सुगंध बांट रहे थे तब प्याज चुपचाप उदास होकर पीछे खड़ी हो गई। सब चले गए प्याज नहीं गई। वहीँ खड़ी रही। तब विष्णुजी ने पूछा, "क्या हुआ तुम क्यों नहीं जाती?"*
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